Thursday, 19 December 2013

vidaii 2013

विदाई २०१३ 

तेरह की हो गयी तेरही अब चौदह की बारी है ।
नये वर्ष ने दस्तक दे दी  स्वागत की तैयारीहै 
तेरह कि संख्या को अशुभ सभी ने पाया है 
देश के नेताओँ ने भी अमंगल इसे बताया है 
अटल जी ने तेरह को शपथ लिया तेरह दिन सरकार चलाई 
बहुमत साबित कर न पाये इस्तीफा दे चुनाव करायी 
राहुल का सपना कठिन हो गया तेरह कांग्रेस को  रास ना आया 
चार राज्यों में हुई फजीहत आगे का सफ़र कठिन बनाया 
इस विभाग के मेरे  कुछ साथी तेरह में सब विदा हो गए 
बहुत दिनों तक साथ रहे अब हमें अकेला छोड़  चले गए 
चौदह साल मुख्यालय की  सेवा की अंत समय बस्ती में ठेला 
पत्नी प्रयाग में जपती माला मैं बस्ती में पड़ा अकेला 
जिन अपनों पे  किया भरोसा  उन अपनों ने विश्वास को तोड़ा 
अपना घर वे जला रहे है बने मेरे सुख शांति में रोड़ा  
ज़िन्दगी भर  प्रयास किया परिवार संग सगे सम्ब्न्धी को जोड़ा 
अनजाने में क्या गलती हुई क्यों हमें सरे राह  में छोड़ा
जिन्हे सदा सम्मान दिया जिन्हे सर आँखों पर बिठाया 
क्यों हमसे नाराज हो गए कुछ भी मेरे समझ न आया
सभी अपनों का साथ दिया सुख दुःख में काम  में आया
उनमे भी अविस्वास पनप गया ऐसा बुरा समय यह आया 
अनजाने में भूल यदि हुई उसके लिए माफ़ कर देना 
है भगवन से यही प्रार्थना सदा सभी को खुश ही रखना 
नए वर्ष वर्ष  में मतभेद भुलाकर आपस में मिलजाना  है
हम सब एक है एक रहेंगे यह विस्वास जगाना है
नयावर्ष२०१४सभी को शुभ हो खुशहाली  सबको दिखलाये
हर दिन सभी प्रसन्न रहे सब प्रगति करें बुलंदी पर    जाएं 

जी के श्रीवास्तवा २०. १२ २०१३ .  


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