टिया तीन वर्ष की
तीन वर्ष की हुई टिया,अपना जन्मदिन मनाएगी
अपने हाव भाव दिखा कर वह, सबको खुश कर जाएगी
दादी की पोती है लाड़ली,अच्छे संस्कार सिखलाया
खेल के साथ उसे पढ़ाती,सबका प्रिय है उसे बनाया
पर दादी की हिटलर है वह, दादी को वह हुकुम सुनाती
अपनी ज़िद पूरी करती वह ,अपनी बातेँ भी मनवाती
दददू के संग उधम करती ,दददू को वह खूब दौड़ाती
उनका सब दुःख भूल भाल कर,अपनी हा में हा करवाती
मम्मी पापा डांट कर बोले, उनको भी वह चुप करवाती
धीरे बोलो सब सुन लेती, उन्हें इशारो में समझाती
मम्मी पापा हंस देते है ,उन्हें भी शिक्षित ये कर जाती
सुबह सुबह तैयार हो जाती, दादी को संग नीचे लाती
जल्दी कर दो मेरी दादी, बस के पहले वह आ जाती
रोना जब वह शुरू कर देती, साढ़े साती उसपर आती
पूरा जोर लगाती है वह, मुश्किल से वह शांत हो पाती
धर्मशाला में अदवये दर्श के संग, उसने अच्छा समय बिताया
खेला कूदा नक़ल उतारा, उनके संग में नाचा गाया
बच्ची प्रतिभाशाली है वह ,दादी सा शिक्षक वह पाया
योग प्रार्थना सब कुछ करती, जीवन अपना सफल बनाया
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